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दरअसल हुआ कुछ यु की ……..
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आज गोड्डा कॉलेज के बहार गुमटी में चाय पि रहा था . सुबह 7-८ बज रहे थे . तभी प्रसाशन के एक आला अधिकारी (नाम – पद गोपनीय ) की गाड़ी आपने आपने पुरे काफिले के साथ निकल रही थी . पूरा सड़क खाली ही था और अन्य कोई गाड़ी नहीं थी . तभी आचानक आगे वाली गाड़ी रुक गयी . किसी को कुछ समझ नहीं आया . पीछे escorting दल के सभी सिपाही तुरंत गाड़ी से उतर कर आगेवलि गाड़ी के पास जमा हो गए . अब लगा की कुछ बात हो गयी है …..सभी सिपाही रोड पर खड़े हो गये .
अब आगे दो -चार लालबत्ती और पुलिस को खड़े देख कर कुछ बाइक वाले दूर से ही गाड़ी घुमाकर कट मार लिए . लगभग ४-५ मिनट के बाद एक ट्रक वाला आ रहा था .सड़क पर पुलिस को खड़े देख कर वह भी दूर से ही गाड़ी किनारे करके लगा दिया . तभी 3 -4 ट्रक वाले और आ कर पीछे खड़े हो गए . ऐसा लगा की वाहन चेकिंग अभियान चल रहा है . तभी एक सिपाही खुद ट्रक के पास आये और उनलोगों की ”कुछ बातचीत ” हुई और ट्रक को आगे बढ़वाया .
सिपाही जी से पूछा की क्या बात हुई है तो उन्होने जो बताया तो सुनकर सकते में आ गया . दरअसल बात यह थी की — बिल्ली ने रास्ता काट दिया था . इसलिए साहब ने गाड़ी रोक दी थी ..
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इससे लगा की जब एक I.A.S अधिकारी इस तरह के अंधविश्वास को मानेंगे तो दुसरे लोगो पर क्या असर पड़ेगा …..दूसरी बात अगर मान ले की सच में बिल्ली काटने से खतरा होता है तो क्या एक i.a .s अधिकारी का यही कर्तव्य है की खतरा दुसरे के माथे पर भेज दे
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